भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने जा रहे हैं। ऐसे में उनके बारे में जानना जरूरी है। आज हम आपको उनकी लव स्टोरी से लेकर उनके जीवन की उपलब्धियों के बारे में बताते हैं।
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। सुनील छेत्री अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मुकाबला 6 जून को कुवैत के खिलाफ खेलेंगे। छेत्री ने खुद इसकी जानकारी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर वीडियो पोस्ट करके दी है। बता दें कि सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को आंध्र प्रदेश (वर्तमान में तेलंगाना) के सिकंदराबाद में एक नेपाली परिवार में हुआ था। उनके पिता केबी छेत्री आर्मी मैन थे और उनकी मां सुशीला छेत्री खुद नेशनल फुटबॉल टीम की खिलाड़ी थीं, जो कि नेपाल के लिए खेलती थीं। वहीं सुनील की पत्नी सोनम उनके कोच सुब्रतो भट्टाचार्य की बेटी हैं। सुनील को अपने इस सफर में सोनम का बहुत सपोर्ट मिला है और दोनों की लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनील छेत्री की सोनम भट्टाचार्य से पहली मुलाकात कोलकाता के एक मैच के दौरान हुई थी। पहली ही मुलाकात में सुनील सोनम पर अपना दिल हार बैठे थे। इसके बाद दोनों की मुलाकातों का दौर आगे बढ़ा तो दोनों दोस्त बन गए। फिर दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और दोनों ने एक-दूसरे को लंबे समय तक डेट किया। 2017 में सुनील छेत्री और सोनम भट्टाचार्य शादी के बंधन में बंध गए। अब दोनों का एक बेटा भी है, जिसका नाम ध्रुव है।
सुनील छेत्री की बड़ी उपलब्धियां
सुनील छेत्री ने अपने फुटबॉल करियर में बहुत सारे अवॉर्ड जीते हैं। उन्होंने 2007-2009 और 2012 में भारत को नेहरू कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सुनील छेत्री को 34वें बर्थडे पर एशियन आइकन की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। सुनील छेत्री की सबसे बड़ी और सबसे खास उपलब्धि 2021 में मिला खेल का सर्वोच्च पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ है।