पीएचई में 16.42 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच असली और नकली बिल के पुलंदों में उलझ गई है। पीएचई ने अभी तक 15 करोड़ के लेखे जोखे के बिल तो पुलिस को थमा
पीएचई में 16.42 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच असली और नकली बिल के पुलंदों में उलझ गई है। पीएचई ने अभी तक 15 करोड़ के लेखे जोखे के बिल तो पुलिस को थमा दिए हैं। बाकी के लेनदेन का हिसाब विभाग नहीं दे रहा है। उधर पुलिस की परेशानी है कि पीएचई ने करीब पांच हजार पेज का पुलंदा थमा दिया है। उसमें फर्जी हिसाब किताब छांटा जा रहा है। उधर ट्रेजरी ने घोटाले की रकम को 81 करोड़ तक बताकर नया खुलासा किया है।
लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के रोशनी घर स्थित खण्ड क्रमांक एक में 8 महीने पहले 16.42 करोड़ रुपए का घोटाला पकड़ा गया है। सरकारी पैसा चुराने के लिए फरेबियों ने फर्जी टेंडर, मृत कर्मचारियों को ङ्क्षजदा बताकर उनके नाम से पगार निकाली। इसके अलावा फर्जी वेतन बनाकर पैसा हड़पा है। 8 महीने से क्राइम ब्रोंच घोटाले की जांच में लगी है। लेकिन अभी गुत्थी नहीं सुलझी है। क्योंकि पीएचई ने करीब 15 करोड़ के घोटाले के बिल तो पुलिस को थमाए हैं उसके बाद लेखा जोखा नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया है। उधर ट्रेजरी ने अपना हिसाब किताब लगाकर खुलासा किया पीएचई में घोटाला 16.42 करोड़ तक सीमित नहीं रहा है। ठगी तो 81 करोड़ रूपए की हुई है।
साल भर में 2600 बिल की फाइल
पुलिस के मुताबिक अभी तक पीएचई ने करीब 10 हजार पेज का पुलंदा थमाया है। इसमें असली नकली बिल का पुलंदा है। एक साल में विभाग में कम से कम 2600 बिल काटे गए हैं। अभी तक दो साल का हिसाब किताब तो पुलिस को मिल गया है। बाकी के बिल न तो पीएचई के कम्पयूटर में दर्ज मिले हैं न उनकी कच्ची लिखा पढ़ी है। पुलिस का कहना है अधीक्षक यंत्री संजय सोलंकी, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आर एन करैया सहित विभाग के दो बाबू के पकड़े जाने के बाद पीएचई विभाग में खलबली मच गई थी। उसके बाद कई बार मांगने पर भी पीएचई ने हिसाब किताब नहीं दिया।
ऐसे चला गोरखधंधा
- पीएचई की विभागीय आडिट में 16.42 करोड़ का घोटाला सामने आया था। इस आधार पर क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया था।
- फर्जीवाड़ा 71 संदिग्ध खातों के जरिए हुआ था इनमें 21 की जानकारी तो ट्रेजरी को भी नही थी।
- घोटाला वेतन, एरिया और क्लोरीन खरीद के नाम पर हुआ था।
- पीएचई अधिकारी और कर्मचारी आइएफसी कोड बदल कर सरकारी पैसा चुराते थे।
अभी तक यह पकड़े गए
घोटाले में अधीक्षण यंत्री संजय सोलंकी निवासी मकान नंबर 66 तानसेन रोड, रिटायर्ड बाबू अशोक कछौरिया निवासी पाताली हनुमान, ठेकेदार राहुल वर्मा निवासी मानमंदिर टॉकीज के पास हजीरा, रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री रामनरेश करैया बी 68 गोङ्क्षवदपुरी समेत कंम्प्यूटर ऑपरेट राहुल आर्य और मास्टरमाइंड हीरालाल उर्फ अशोकराज को गिरफ्तार किया गया है।
घोटोल की रकम और आरोपी बढ़ेंगे
पीएचई से कई बार बिल और हिसाब किताब मांगा है। विभाग ने जवाब नहीं दिया है। घोटाले की रकम के साथ इसमें शामिल आरोपी भी बढ़ेंगे। अभी तक विभाग ने शुरूआत के हिसाब किताब का पुलंदा थमाया है।
नागेन्द्र सिकरवार, सीएसपी महाराजपुरा सर्किल