ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया की अस्थि कलश यात्रा उज्जैन के विभिन्न मार्गों से होती हुई शिप्रा नदी पहुंची. इससे पहले अस्थि कलश को दर्शन के लिए रखा गया.
ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया की अस्थि कलश शुक्रवार सुबह 9:30 बजे देवास गेट स्थित संख्या राजे धर्मशाला पहुंचा। यहां पर 1 घंटे तक श्रद्धांजलि के लिए कलश रखा गया। जिसके बाद यहां पर उज्जैन के तमाम जनप्रतिनिधि और सिंधिया घराने से जुड़े लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि के बाद रथ के माध्यम से अस्थि कलश यात्रा निकाली गई। ये यात्रा उज्जैन शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई शिप्रा के तट पर पहुंची। यहां पूजन किया गया।
पहले भी आ चुके हैं सिंधिया परिवार के अस्थि कलश
पंडितों के अनुसार उत्तर वाहिनी शिप्रा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिप्रा नदी तट पर भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ का तर्पण और पिंडदान किया था।
शिप्रा नदी में अस्थि विसर्जन के लिए देशभर से लोग आते हैं। इससे पहले भी सिंधिया परिवार के सदस्यों के अस्थि कलश शिप्रा नदी में प्रवाहित किए गए हैं।
15 मई को हुआ था माधवी राजे सिंधिया का निधन
ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का 15 मई की सुबह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह पिछले कुछ दिन से ‘वेंटिलेटर’ पर थीं। उनका पिछले तीन महीने से एम्स में इलाज किया जा रहा था। वह निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं।