उद्यमी बैटरी निर्माण की प्रक्रिया को चार चरणों में पूरा कर रहे हैं। पहला चरण ग्रेडिंग, दूसरा वेल्डिंग, तीसरा सोल्डरिंग, चौथा चरण परीक्षण का है।
लिथियम बैटरी के उत्पादक क्षेत्रों में जल्द ही मध्य प्रदेश का नाम शामिल होगा। ग्वालियर के औद्योगिक क्षेत्र में बनाई जा रही स्वदेशी लिथियम बैटरियों की डिमांड नेपाल और अफ्रीकी देशों में भी है। मेक इन इंडिया को साकार करते हुए ग्वालियर के उद्यमियों ने यह नवाचार किया है
ग्रीन फ्यूल के रूप में लिथियम बैटरी का प्रोडक्शन श्यामा प्रसाद औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी जहेंद्र सिंह कुशवाह कर रहे हैं। खास यह है कि यहां बनाई जा रही ईको फ्रेंडली लिथियम बैटरी देश-विदेश में भेजी जा रही हैं। यहां महीनेभर में फैक्ट्री में 500 बैटरियां बनाई जा रही हैं। उद्यमी बैटरी निर्माण की प्रक्रिया को चार चरणों में पूरा कर रहे हैं। पहला चरण ग्रेडिंग, दूसरा वेल्डिंग, तीसरा सोल्डरिंग, चौथा चरण परीक्षण का है। बैटरी के कुछ कंपोनेंट विदेश से भी आ रहे हैं।
इन क्षेत्रों में हो रहा बैटरी का उपयोग
पहले लेड एसिड बैटरी की ही पूछ-परख होती थी। अब इसकी जगह लिथियम बैटरी लेती जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहन में दो पहिया, तीन पहिया और दिव्यांग ट्राइसाइकिल, ड्रोन, सोलर लाइट में भी इस्तेमाल हो रहा है। इसकी खासियत यह है कि फास्ट चार्ज होता है चार्जिंग होती हैऔर यह लंबे समय तक उपयोग में लाई जा सकती है।