7 हजार बिजली मीटर खराब, लुट रहे उपभोक्ता, अधिकारी खा रहे एसी की हवा

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गर्मी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। इसका असर विद्युत मीटर पर पड़ रहा है। घरों के बाहर लगे मीटर खराब हो रहे हैं। गर्मी के मौसम में अब तक शहर में लगभग साढ़े सात हजार मीटर या तो जल गए या फिर खराब हो गए। उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के सिटी सर्किल के दफ्तर में की है। तीन दिन में मीटर बदलने का दावा करने वाले अफसर पांच से सात दिन में मीटर नहीं बदल पा रहे हैं। उपभोक्ताओं को डर है कि रीडिंग नहीं होगी और बिजली कम्पनी मनमाना बिल भेजेगी। इसका असर उनके घर के बजट पर पड़ेगा।

तीन माह का औसत

मीटर बंद होने पर आमतौर पर बिजली कंपनी उपभोक्ता की पिछले तीन माह की मासिक खपत का औसत निकालकर उसी आधार पर बिजली का बिल जारी करता है। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। गर्मी के दिन में सभी घरों में ठंडक करने वाले उपकरणों को चालू कर दिया जाता है, जिस कारण खपत में दस से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। ऐसे में कम्पनी द्वारा मनमाना बिल भेजा जाएगा। चीफ इंजीनियर केएल वर्मा ने सभी संभागों और कार्यालयों का दौरा किया था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि खराब मीटरों को तत्काल बदला जाए, लेकिन मातहतों ने उनके आदेश को हवा में उड़ा दिया है। उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। बिजली कम्पनी के पास पुराने मीटरों का स्टॉक कम है। बिजली कम्पनी द्वारा अब स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।

शहर में साढ़े सात हजार से अधिक मीटर खराब हैं। उपभोक्ताओं ने आवेदन दिया है। प्राथमिकता के आधार पर मीटर बदलने का काम किया जा रहा है। इस माह सभी मीटरों को बदलने का टारगेट रखा गया है।

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