सावन मास में खास होता है सोमवार इस दिन शिव की पूजा से मिलता है विशेष आशिर्वाद

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शिव जी को औघड़ दानी या भोले भंडारी कहा जाता है। भक्‍त उन्‍हें कैसे भी याद करें या उनकी पूजा करें वे सहज प्रसन्‍न हो जाते हैं। पंडित दीपक पांडे कहते हैं क‍ि वैसे तो शिव को एक लोटा जल, एक बिल्‍व पत्र और अक्षत के चंद दाने ही भक्‍तों का कष्‍ट हरने के लिए प्रेरित कर देते हैं, परंतु यद‍ि पूजा के बाद उन्‍हें तीन बार श्रद्धा पूर्वक बम-बम के नाद के साथ याद किया जाता है तो शंकर जी को अपार प्रसन्‍नता होती है। इसलिए इस सोमवार को जब आप शिव जी की पूजा करें तो इस सहज उच्‍चारित मंत्र का जाप करना ना भूलें।

ऐसे करें पूजा 

30 जुलाई को सावन 2018 का पहला सोमवार पड़ा थ अब 06 अगस्त को दूसरा सोमवार होगा, इस बार रविवार 26 अगस्‍त 2018 को पूर्णिमा यान‍ि रक्षा बंधन पड़ रहा है। इसलिए सावन माह में चार ही सोमवार पड़ेंगे। सावन के सोमवार को शिव जी की पूजा करते समय सर्वप्रथम शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं, यदि गंगाजल ना हो तो तांबे के लोटे में ताजा शुद्ध जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद दूध, दही, शहद, और चावल शिव जी पर चढ़ायें। तत्‍पश्‍चात बेल पत्र, ताजे फल और फूलों को शिवलिंग पर अर्पित करें। अब चंदन, रोली और अक्षत से टीका लगाएं और प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद में मिश्री, मीठे बताशे या मीठा इलायचीदाना चढ़ा सकते हैं। अंत में भगवान शंकर की आरती करें। इस दिन व्रत रखें और शाम को दोबारा पूजा आरती करके दिन में एक ही बार आहार ग्रहण करें।

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