हुंडी में करोड़ों के गबन के आरोपी आशु गुप्ता के सुसाइड अटेम्प्ट के पीछे की आखिर क्या है कहानी ?

Loading

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 70 करोड़ की हुंडी के गबन के आरोपी आशु उर्फ आशु गुप्ता के खुद को गोली मारकर खुदकुशी करने की कोशिश करने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। वहीं पुलिस सुलगते सवालों के बीच अब आशु गुप्ता की पूरी कुंडली खंगालने में जुट गई है। जांच का एक एंगल ये भी है कि आखिरकार हुंडी गबन का ये दलाल किसके इशारे पर नाच रहा है? गबन के आरोप में जब आशीष जेल में था तब का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है कि आखिर जेल में उससे मिलने के लिए कौन कौन आया था और उनसे उसका क्या कनेक्शन है? बता दें कि आशु गुप्ता ने 13 मई की रात खुद को कंधे के नीचे गोली मारकर खुदकुशी की कोशिश की थी।

पहले जानिए आशु गुप्ता की कुंडली ?

आशु उर्फ आशीष गुप्ता ये वो नाम है जो ग्वालियर में हुए करोड़ों के हुंडी गबन का आरोपी है। आशु कई व्यापारियों को 70 करोड़ का चूना लगा चुका है जिसके कारण उसे जेल भी जाना पड़ा। तब जनवरी 2022 में गबन के बाद जब पुलिस ने आशु को पकड़ा था तो उसने बताया था कि उसने 11.50 करोड़ एमसीएक्स कारोबार की आड़ में सट्टा चलाने वाले मोनू गुप्ता के ऑनलाइन आईपीएल सट्टे पर लगाए थे। अब 13 मई की रात उसने खुद को कंधे के नीचे गोली मारकर खुदकुशी करने की कोशिश की। उसके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें एक व्यापारी से 2.28 करोड़ और दूसरे से 40 लाख रूपए लेने की बात लिखी है। जिससे एक बार फिर आशु गुप्ता के नाम की चर्चाएं उठ रही हैं।

महादेव एप से जुड़े हो सकते हैं तार !

सट्टा किंग मोनू गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने 420 तथा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था। आशु गुप्ता के बयान के अलावा जांच में और कई सबूत मिले थे। मोनू से जुड़ी फर्म पर इनकम टैक्स का छापा भी पड़ा था और ये भी पता चला था कि मोनू के तार दुबई से जुड़े थे। इसके बाद महादेव सट्टा एप का स्कैंडल भी उजागर हुआ। कहा जा रहा है कि यदि पुलिस, सीबीआई या अन्य जांच एजेंसी इस मामले में कार्रवाई करती हैं तो मोनू व महादवे एप का कनेक्शन भी सामने आ सकता है।

हर माह 100 करोड़ का सट्टा कारोबार- सूत्र

सूत्र बताते हैं कि डबरा के कुख्यात सटोरिए मोनू गुप्ता के क्रिकेट सट्टे पर आईपीएल सीजन के आलावा हर माह औसतन लगभग 100 करोड़ का सट्टा लगाया जाता है। ग्वालियर सहित अन्य जिलों की पुलिस को ऑनलाइन सट्टे के छुटपुट इनपुट मिलते रहते हैं और छोटी मोटी कार्रवाई चलती रहती हैं लेकिन राजनीतकि संरक्षण व सैटिंग के कारण मुख्य आरोपी को बच निकलने का मौका मिल जाता है। बहरहाल आशू के सुसाइड अटेम्प्ट से मामला एक बार फिर सामने आया है और देखना है कि इस बार जांच का क्या रिजल्ट निकलता है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *