देश में चल रहा महागर्मी का दौर नगरों और महानगरों पर कहर बनकर टूट रहा है। खासकर उत्तर-पश्चिमी राज्यों में विकट हालात हैं। कई स्थानों पर तापमान 50 डिग्री के आसपास चला गया है।
देश में चल रहा महागर्मी का दौर नगरों और महानगरों पर कहर बनकर टूट रहा है। खासकर उत्तर-पश्चिमी राज्यों में विकट हालात हैं। कई स्थानों पर तापमान 50 डिग्री के आसपास चला गया है। आइआइटी-भुवनेश्वर के एक नए शोध में पाया गया कि शहरीकरण के कारण भारत के 140 से अधिक प्रमुख शहरों की रात उनके आसपास के गैर-शहरी क्षेत्रों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक गर्म है। अहमदाबाद, जयपुर, राजकोट में शहरीकरण का सबसे ज्यादा असर देखा गया जबकि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र चौथे व पुणे पांचवें स्थान पर रहे।
इन प्रमुख 6 राज्यों में पड़ेंगे लू के थपेड़ें
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने भी भारत के 6 प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, तेलंगाना, पंश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में लू के थपेड़ों और ऊंचे तापमान को खतरनाक बनाने वाले कारणों का विश्लेषण कर बताया कि इस बार पारा के साथ हवा में बढ़ती नमी (ह्यूमिडिटी) का खतरनाक संयोजन परेशान करने वाला है। यह अध्ययन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता के आंकड़ों का आकलन किया। सीएसई के अनुसार, बेंगलूरु को छोड़कर बाकी महानगरों में औसत सापेक्ष नमी (रिलेविट ह्यूमेडिटी) में पांच से 10% की वृद्धि हुई है। हैदराबाद जैसे शुष्क क्षेत्रों में रिलेविट ह्यूमेडिटी 2001-2010 की तुलना में 10% बढ़ी है। वहीं, दिल्ली में यह 8% बढ़ी है। मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में अभी भी दिल्ली और हैदराबाद की तुलना में 25% से ज़्यादा ह्यूमेडिटी है। दिल्ली में रात के समय तापमान औसत 12.2 डिग्री तक की बजाय औसतन केवल 8.5 डिग्री तक ठंडा हो पा रहा है।
क्यों बढ़ रहा रात का तापमान
विशेषज्ञों का कहना है कि दिन के समय रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बाद रात को भी राहत नहीं मिलने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। यह स्थिति बच्चों के दिमाग के विकास पर असर डालने से लेकर गर्भवती महिलाओं तक को प्रभावित कर सकती हैं। बुजुर्ग तो इसके आसान शिकार हो ही रहे हैं। शहरीकरण को ‘अर्बन हीट आइलैंड’ (UHI) प्रभाव के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ‘अर्बन हीट आइलैंड’ में कंक्रीट और डामर (सड़कों और फुटपाथों के निर्माण में प्रयुक्त) की सतहें दिन के दौरान गर्मी को सोखती हैं और शाम को इसे छोड़ती हैं, जिससे रात के समय का तापमान बढ़ जाता है।
राजस्थान समेत 12 राज्य नहीं दे रहे रिपोर्ट
देश के 12 राज्य को यह मालूम नहीं है कि अत्यधिक गर्मी से लोगों को कितना नुकसान हुआ। केंद्र ने रियल टाइम रिपोर्टिंग सिस्टम बनाया है। इसी साल जनवरी में जिला स्वास्थ्य प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके बावजूद, केंद्र के साथ एनसीडीसी की साझा की गई सूचना के अनुसार, देश में लू प्रभावित 23 में से 12 राज्य बिहार, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल से कोई जानकारी नहीं है। साल 2022 और 2023 में भी यहां से सूचना नहीं मिली।