भारत और मालदीव के बीच छिड़े विवाद ने काफी सुर्खियाँ बटोरी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ अभियान चलाकर भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने का रास्ता बनाया। इसी वजह से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हुआ था और संबंधों में खटास भी पड़ी। 10 मई 2024 तक सभी भारतीय सैनिक मालदीव छोड़ देंगे जिनकी जगह भारत के योग्य टेक्निकल स्टाफ को तैनात किया जाएगा जो सेना के ज़रूरी काम को आगे बढ़ाएगा। इतना ही नहीं, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और लक्षद्वीप का प्रचार करने पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारतीयों के बारे में विवादित टिप्पणी दी थी। फिर भी मुइज्जू ने विवादित टिप्पणी का विरोध नहीं किया। ऐसे में दोनों देशों में संबंध काफी बिगड़ गए, जिसका खामियाजा भी मालदीव को उठाना पड़ा है। अब लगता है कि भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव की अक्ल ठिकाने आ गई है। हाल ही में भारत आए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने इस बारे में एक बड़ा संकेत दिया है।
जल्द भारत का दौरा कर सकते हैं मालदीव केराष्ट्रपति मुइज्जू
मालदीव के विदेश मंत्री ज़मीर ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ाने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही ज़मीर ने मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के जल्द भारत आने पर भी जयशंकर से बात की।
पीएम मोदी से कर सकते हैं मुलाकात
ज़मीर ने मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपमान पर बात करते हुए कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि आगे से ऐसा न हो। साथ ही ज़मीर ने यह भी साफ कर दिया क़ मालदीव और चीन के बीच कोई सैन्य समझौता नहीं हुआ है। वहीं उन्होंने मुइज्जू के भारत दौरे की भूमिका भी बांध दी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत दौरे पर मुइज्जू पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार और इन्हें बढ़ाने पर जोर दे सकते हैं।