पुलिस बनकर ऑनलाइन पैसा लूटने वाले फ्रॉडस्टर्स बेलगाम हो रहे हैं। उन्हें पता है कि पुलिस ऐड़ी चोटी का जोर लगाकर भी उन पर नकेल नहीं कस सकती। अब इन जालसाजों ने म्यांमार में मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर जीवाजी विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष विवेक बापट की पत्नी सुजाता बापट से 38 लाख रुपया ऑनलाइन लूट लिया। लंबी जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने अज्ञात फ्रॉडस्टर्स पर केस दर्ज किया है
खासबात है कि फ्रॉडस्टर सुजाता बापट को 15 दिन तक वीडियो कॉल पर धमकाते रहे। उन्हें बैंक भेजकर 10 एफडीआर तुड़वाई और बैंक में जमा पैसा अपने खातों में ट्रांसफर करवाया। उसके बाद उनके पति विवेक बापट को फोन कर कहा तुम्हारे साथ ठगी होगई है, अब जाओ साइबर सेल में जाकर शिकायत दर्ज करो।
जालसाजों ने इस तरह फसाया
ग्वालियर शहर के डी 5 गुलमोहर सिटी (विवि) निवासी सुजाता बापट ने बताया कि वो हैल्थ सेंटर शहरी परिवार कल्याण केंद्र जवाहर कॉलोनी में पदस्थ 9 अप्रैल को उनके मोबाइल पर राजीव गुप्ता के नाम से कॉल आया उसने कहा म्यामांर के लिए उनके लखनऊ के पते से पार्सल बुक हुआ है, इसमें 20 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 1 लैपटॉप और 50 ग्राम एमडीएमए 4 किलोग्राम क्लाथ है। बुकिंग का पता 16 ओमनगर रोड पवनपुरी लखनऊ लिखा है। पार्सल लेने वाले जॉन डेविड हाउस नंबर 207 सिटी डैगान स्टेट यांगून म्यांमार बताया गया है। यह पूरा कारोबार मानव तस्करी से जुड़ा है। इसलिए आलमबाग पुलिस स्टेशन से बात करा रहा हूं।
थोड़ी देर बाद फिर कॉल आया। फोन करने वाले को खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर टेलीग्राम अपलोड करवाया। उसके बाद अनिल यादव ने वीडियो कॉल पर बात की। उसने कहा म्यांमार में 80 लोगों के आंख, कान और नाक की तस्करी हुई है। इसमें वो दोषी है। पीड़ित परिवारों ने 3 करोड़ 80 लाख रुपए का क्लेम किया है। ये पैसा दे दो तो मामला निपट जाएगा, नहीं तो जेल जाना पड़ेगा। धमका कर ठगों ने डेढ़ घंटे वीडियो कॉल पर बात की उनकी बैंकों की जानकारी।